कचरे से बनेगा हाइड्रोजन, ₹430 करोड़ की लागत से यहां लगेगा देश का पहला प्लांट
Green Hydrogen: पुणे में कचरे से हाइड्रोज बनाने के लिए पर्यावरण अनुकूल समाधान उपलब्ध कराने वाली कंपनी द ग्रीन बिलियंस लि. (TGBL) हाइड्रोजन बनाने का प्लांट लगाएगी. कंपनी ने इस संबंध में पुणे नगर निगम के साथ 30 साल का लॉन्ग-टर्म करार किया है.
Green Hydrogen: सरकार ने बजट 2023 (Budget 2023) में ग्रीन डेवलपमेंट के लिए कई ऐलान किए हैं. नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के लिए 19,700 करोड़ का आवंटन किया गया है. इस कड़ी में, देश में कचरे से हाइड्रोजन बनाने का पहला संयंत्र महाराष्ट्र के पुणे में लगाया जाएगा. इसपर कुल 430 करोड़ रुपये की लागत आएगी. सरकार ने 2030 तक 5 मिलियन मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन (Green Hydrogen) के वार्षिक उत्पादन का लक्ष्य रखा है.
पुणे में कचरे से हाइड्रोज बनाने के लिए पर्यावरण अनुकूल समाधान उपलब्ध कराने वाली कंपनी द ग्रीन बिलियंस लि. (TGBL) हाइड्रोजन बनाने का प्लांट लगाएगी. कंपनी ने इस संबंध में पुणे नगर निगम के साथ 30 साल का लॉन्ग-टर्म करार किया है.
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रोजाना 10 टन हाइड्रोजन उत्पादन की योजना
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टीजीबीएल के चेयरमैन और संस्थापक प्रतीक कनाकिया ने भाषा से कहा कि यह प्लांट अगले साल तक 350 टन ठोस कचरे का प्रतिदिन निपटान करेगा. उन्होंने कहा, हमारी 350 टन कचरे से 10 टन हाइड्रोजन प्रतिदिन उत्पादित करने की योजना है. हम हडपसर इंडस्ट्रियल एस्टेट में प्लांट लगा रहे हैं. देश में ठोस कचरे से हाइड्रोजन प्राप्त करने का यह पहला प्रयास है.
कनाकिया ने कहा कि कंपनी प्लांट लगाने में 350 करोड़ रुपये निवेश करेगी. इसके अलावा 82 करोड़ रुपये भंडारण सुविधा और लॉजिस्टिक जरूरतों पर खर्च किये जाएंगे.
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09:04 PM IST